” द हिन्दी ” डेस्क….
अंकुरम इंटरनेशनल स्कूल, झाबुआ में त्रिदिवसीय ‘शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम’ 2 जून, गुरुवार से 4 जून, शनिवार तक चला। इस प्रशिक्षण का पाठ्यक्रम अंग्रेज़ी विषय के फॉनिक्स (ध्वनि विज्ञान), एवं वैदिक गणित, थे। प्रशिक्षण मैडम धनश्री जी के द्वारा दिया गया। प्रशिक्षण के प्रथम दिन की शुरुआत विद्यालय के संचालक डॉ. लोकेश दवे जी और निर्देशक डॉ. चारुलता दवे जी एवं प्राचार्य डॉ. रितेश लिमये जी द्वारा माँ सरस्वती का पूजन करने के पश्चात् डॉ. लिमये जी द्वारा शिक्षकों को नैतिक कहानी के माध्यम से अभिप्रेरित करने के बाद हुई। प्रत्येक दिन दो सत्र होते थे। पहले सत्र में अंग्रेजी की ध्वनि विज्ञान एवं दूसरे सत्र में वैदिक गणित का पाठ्यक्रम पढ़ाया जाता था। इस तरह पूरे छह सत्रों में प्रशिक्षण कार्य संपन्न हुआ। पहले दिन के प्रथम सत्र में ध्वनि विज्ञान और उसके भेदों को विस्तृत रूप से बताया गया। दूसरे सत्र में वैदिक गणित के उद्गम एवं उसके महत्त्व को बताते हुए वैदकीय विधियों को रोचक ढंग से बताया गया। दूसरे दिन प्रथम सत्र में अंग्रेज़ी अल्फाबेट के स्वरों को बताते हुए अक्षरों के उच्चारण के परिवर्तनों के बारे में बताया गया वहीं दूसरे सत्र में जोड़ने की सरलतम पद्धति से कम समय में गुणज फल ज्ञात करने की विधि बताई गई। साथ ही छात्रों के लिए किस प्रकार लाभकारी है इस पर भी चर्चा की गई। अंतिम दिन डिपथोंग, सीवीसी, अक्षरों के विषय में बताया गया। दूसरी ओर 2डी, 3डी, 4डी, वर्ग ज्ञात करने जैसी विधियों को बताने के बाद शिक्षकों का आंतरिक मूल्यांकन भी किया गया। जिसमें सभी शिक्षकों ने शानदार प्रदर्शन किया। इस मूल्यांकन में सीमा वागद्रे एवं अमा तुल्ला ने सर्वोत्तम प्रदर्शन हासिल किया। विद्यालय की ओर से डॉ. चारुलता दवे जी द्वारा सर्वोत्तम प्रदर्शन प्राप्त शिक्षकों को शील्ड से एवं प्रशिक्षक धनश्री जी द्वारा अंजली जी को सांत्वना पुरस्कार से नवाज़ा गया। डॉ. लोकेश दवे और डॉ. चारुलता दवे एवं डॉ. लिमये जी ने अपने अनुभव साँझा किए। समस्त शिक्षकों ने भी प्रशिक्षण के दौरान अपने अनुभव साँझा किए। कार्यक्रम के अंत में हिंदी शिक्षक रामलाल कुर्मी द्वारा पंक्तियों के माध्यम से मित्र की परिभाषा बताते हुए सभी का आभार व्यक्त किया गया।
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